छोटी छोटी बातें, युहीं आते जाते, यादे सहलाके जाती है,
रातों को सिरहाने, बसी मुस्काने, मुझको सुलाके जाती है,
मिलना नहीं है मुमकिन. इतना बताओ लेकिन, हम फिर मिले क्यु है.!
तुझको भुला ना पाऊ, तुझको भुला ना पाऊ, ये सिलसिले क्यु हैं.!
सब कुछ वही है, पर कुछ कमी है, तेरी आहटे नहीं हैं.!!
सब कुछ वहीँ है, पर कुछ कमी है, तेरी आहटे नहीं है, नहीं हैं.!!
मैंने नहीं जाना, तूने नहीं जाना, जाने अनजाने जो हुआ,
कुछ तो हुआ जो, मुझको हुआ ना, तुझको मगर क्यु हुआ.
गलती नहीं है तेरी, गलती नहीं है मेरी, फिर भी गिले क्यु हैं.?
तुझको भुला ना पाऊ, तुझको भुला ना पाऊ, ये सिलसिले क्यु है.?
सब कुछ वही है, वही है, पर कुछ कमी है, कमी है, तेरी आहटे नहीं हैं.!
सब कुछ वहीं है, पर कुछ कमी है, तेरी आहटे नहीं है, नहीं है.!
तेरी आहटे नहीं हैं, आहटे नहीं हैं,
तेरी आहटे नहीं हैं.!
तेरी आहटे नहीं है, आहटे नहीं है,
तेरी आहते नहीं है, क्यों क्यों नहीं है.!?